“नहीं साहब, शिकार के वे मजे यहाँ कहाँ? याद है, पारसाल नकली लडाई के पीछे हम आप जगाधरी जिले में शिकार करने गये थे-
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याद है, पारसाल नकली लडाई के पीछे हम आप जगाधरी जिले में शिकार करने गये थे-हां-हां-वहीं जब आप खोते पर सवार थे और और आपका खानसामा अब्दुल्ला रास्ते के एक मंदिर में जल चढने को रह गया था?